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प्राकृतिक संसाधन

जिले की भू-वैज्ञानिक संरचना

कैम्ब्रियन के पूर्व के कडप्पा चटटानों के समुह एवं आर्कियन चटटानों से जलोढ मिटटी एवं रेत की बहुतायत मात्रा में पायी जाती है। ग्रेनाईट एवं नवीन ग्रेनाईट, डालराईट और क्वार्टज के साक्ष्य भी इस क्षेत्र में पाये गए हैं।
ग्रेनाईट पत्थर की उपलब्धतान बागबाहरा, बसना तथा पिथौरा क्षेत्र में पायी जाती है। यहां की चटृाने मुख्य रूप से छत्तीसगढ के चुना पत्थर समुह का है जो कि कडप्पा समुह के पूर्व कैम्ब्रियन युग के समकालीन है। चुना पत्थर की परतों शेल बलुआ एवं क्वारर्टजाईट ग्रेनाईट एवं डोलाराईट से मिलकर बने एवं उसमें क्वालर्टन के भी महीन अवशेष पाये गये है। इनकी उपलब्धता के आधार पर यहां खनिज उद्योगों के विकास की अपार संभावना है।
इस क्षेत्र में बहुत ही महत्वूपर्ण एवं आर्थिक रूप से कीमती खनिज पाये जाते हैं। जैसे कि सोनाटिन अयस्क, सीसा अयस्क, फ्लोराइड, फीरोज़ा, ग्रेनाईट और चुने के पत्थर आदि। इनके उत्खनन से क्षेत्र का आर्थिक लाभ प्राप्त होता है। कई लघु उद्योग चुने पत्थर का विविध रूपों में उपयोग कर आय प्राप्त कर रहे हैं। ग्रेनाईट आधारित उद्योगों के विकास की अपार संभावनाएं है।

खनिज एवं उनके क्षेत्र
खनिज का नाम पाया जाने वाला क्षेत्र
सोना एवं टिन दिमाउगुडा के ग्रामीण क्षेत्र – राहटीखोल एवं सरायपाली विकासखण्ड के मुंधा पहाडियों का तलहटी क्षेत्र
सीसा अयस्क बिजराभांठा – बसना विकासखण्ड के साल्हेतराई क्षेत्र तथा पिथौरा विकासखण्ड– के रामपुर क्षेत्र .
फ्लोराइट सरायपाली विकासखण्ड के चिउराकुटा, मकारमुडा और घाटकछार ग्राम.
फीरोज़ा सरायपाली विकासखण्डं क्षेत्र.
ग्रेनाईट बागबाहरा, पिथौरा एवं बसना विकासखण्ड क्षेत्र
चूना पत्थर ग्राम गोधरी – बिरकोनी और महानदी के आसपास के क्षेत्रों में .