क्र. | परियोजना का नाम | परियोजना अधिकारी का नाम | सेक्टर | आंगनबाड़ी केन्द्र | मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र | आंगनबाड़ी कार्यकर्ता | आंगनबाड़ी सहायिका | मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता |
---|---|---|---|---|---|---|---|---|
1 |
महासमुंद शहरी |
श्रीमती शैल नाविक |
3 |
66 |
1 |
62 |
62 |
1 |
2 |
महासमुंद ग्रामीण |
श्रीमती सकुंतला चक्रवर्ती |
11 |
288 |
36 |
286 |
274 |
34 |
3 |
बागबाहरा |
श्रीमती मीना चन्द्राकर |
12 |
334 |
47 |
333 |
329 |
46 |
4 |
पिथौरा |
श्रीमती रतन तंवर |
13 |
328 |
27 |
324 |
323 |
27 |
5 |
बसना |
श्री चन्द्रहास नाग |
11 |
312 |
27 |
299 |
285 |
25 |
6 |
सरायपाली |
श्री गैंदराम नारंग |
11 |
302 |
19 |
300 |
296 |
18 |
योग – |
61 |
1630 |
157 |
1604 |
1569 |
151 |
1.प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना उद्देश्य :– गर्भवती एवं धात्री माताओं के पोषण स्तर में सुधार एवं उनकी मजदूरी की पूरक प्रतिपूर्ति, हेतु योजना संचालित। पात्रता :- योजनांतर्गत ऐसी गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं जो केन्द्र सरकार या राज्य सरकारों या सार्वजानिक उपक्रमों के साथ नियमित रोजगार में है या जो वर्तमान में लागू किसी कानून के अन्तर्गत समान लाभ प्राप्त कर रही है को छोड़कर, सभी गर्भवती महिलाएं एवं स्तनपान कराने वाली माताएं पात्र होगीं।
सम्पर्क :– जिला कार्यक्रम अधिकारी/जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी/ परियोजना अधिकारी/पर्यवेक्षक/नजदीक के आंगनबाड़ी।
2.नोनी सुरक्षा योजना उद्देश्य :- इस योजना का उद्देश्य बालिकाओ के जीवन-स्तर को ऊपर उठाना तथा शैक्षणिक तथा स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार लाना | बालिकाओ के अच्छे भविष्य की आधारशिला रखना | बालिका भ्रूण हत्या रोकने और बालिकाओ के जन्म के प्रति जनता में सकारात्मक सोच लाना एवं बाल विवाह की रोकथाम | पात्रता :-
योजना के अंतर्गत देय लाभ :-
आवेदन की प्रक्रिया :- योजना का लाभ लेने के लिए अपने गांव/मोहल्ले के आंगनबाड़ी केन्द्र/संबंधित परिक्षेत्र के पर्यवेक्षक/बाल विकास परियोजना अधिकारी/जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी/जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग से संपर्क कर आवेदन करना होगा। इसके लिए संबंधित कार्यालयों में आवेदन पत्र उपलब्ध है।
3.सक्षम योजना योजना छत्तीसगढ़ महिला कोष द्वारा 2009-10 से आरम्भ की गई है। पात्रता :- प्रदेश में गरीबी रेखा अन्तर्गत जीवन-यापन करने वाली ऐसी महिलाओं जिनके पति की मृत्यु हो चुकी है अथवा 35 से 45 आयु वर्ग की अविवाहित महिलाएं अथवा कानूनी तौर पर तलाकशुदा महिलायें। यौन उत्पीड़न, एचआईवी पाजिटिव एवं तृतीय लिंग (Trans Gender) हितग्राही भी योजना का लाभ लेने की पात्रता रखेगी। ऋण :- स्वयं का व्यवसाय आरम्भ करने हेतु ऋण सीमा में वृद्धि करते हुए 40 हजार रूपये के गुणांक में राशि 02 लाख रूपये तक ऋण आसान किश्तों में ऋण प्रदाय किया जाता है। उक्त ऋण की वापसी 5 वर्षों में केवल 3 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज दर पर किस्तों में की जाती है। यह संशोधन आदेश दिनांक 28.09.2021 से लागू है।
4.स्वावलंबन योजना पात्रता :- ऐसी महिलाओं जिनके पति की मृत्यु हो चुकी है अथवा 35 से 45 आयु वर्ग की अविवाहित महिलाओं अथवा कानूनी तौर पर तलाकशुदा महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाता है। यौन उत्पीड़न, एचआईवी पाजिटिव एवं तृतीय लिंग (Trans Gender) हितग्राही भी योजना का लाभ लेने की पात्रता रखेगी। प्रशिक्षण :- समस्त प्रशिक्षण मुख्यमंत्री कौशल विकास योजनांतर्गत व्ही.टी.पी. के माध्यम से दिये जाते है। सम्पर्क :- जिला कार्यक्रम अधिकारी/जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी/ परियोजना अधिकारी/पर्यवेक्षक/आंगनबाड़ी कार्यकर्ता।
5.ऋण योजना उद्देश्यः-छत्तीसगढ़ राज्य में महिलाओं को समाजिक एवं आर्थिक रूप से सशक्त किये जाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ महिला कोष द्वारा महिला स्व-सहायता समूहों को आसान शर्तों पर ऋण उपलब्ध कराना। पात्रता एवं ऋण:-योजना अंतर्गत 3 प्रतिवर्ष वार्षिक साधारण ब्याज दर पर प्रथम बार में 1.00 लाख से 2.00 लाख रूपये तक (वसूली 24 किस्तों में) तथा द्वितीय बार में 2.00 लाख से 4.00 लाख रूपये तक का ऋण(वसूली 36 किस्तों में ) प्रदाय किया जाता है। यह संशोधन आदेश दिनांक 28.09.2021 से लागू है। यौन उत्पीड़न एवं एच.आई.व्ही. पीड़ित महिलाओं को शासकीय चिकित्सक द्वारा प्रदाय चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर आर्थिक गतिविधियों से जोड़े जाने हेतु प्राथमिकता के आधार पर पात्रता की अन्य शर्ते पूर्ण करने पर ऋण प्रदान किया जा सकेगा । इन महिलाओं को जिला प्रबंधक, छत्तीसगढ़ महिला कोष के माध्यम से प्रस्तुत प्रस्तावों पर जिला कलेक्टर स्वीकृति उपरांत 10000/-रूपये (शब्दों में रूपये दस हजार मात्र) का व्यक्तिगत ऋण 3 प्रतिशत साधारण ब्याज की दर पर उपलब्ध कराये जायेंगे। इन महिलाओं द्वारा स्व-सहायता समूह का गठन किये जाने पर समूह को 1.00 लाख (शब्दों में रूपये एक लाख मात्र) की ऋण राशि 3 प्रतिशत साधारण ब्याज की दर पर स्वीकृत की जावेगी। यह ऋण जिला कलेक्टर के अनुमोदन से संबंधित जिला प्रबंधक प्रदान करेंगे। योजना के तहत अन्य शर्ते यथावत रहेंगी। तृतीय लिंग (Trans Gender) हितग्राही भी इन योजना का लाभ लेने की पात्रता रखेगी।
6.मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना वर्ष 2009 से प्रारंभ की गई है।गंभीर कुपोषित बच्चों को कुपोषण के चक्र से बाहर लाकर कुपोषण की दर में कमी हेतु योजना का संचालन किया जा रहा है।योजना के तहत गंभीर कुपोषित एवं संकटग्रस्त बच्चों को चिकित्सकीय परीक्षण की सुविधा, चिकित्सक द्वारा लिखी गई दवाएं तथा आवश्यकतानुसार बाल रोग विशेषज्ञों की परामर्श की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
7.नवाबिहान योजना घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 के क्रियान्वयन के लिए राज्य शासन द्वारा नवाबिहान योजना संचालित है। अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक जिले में महिला संरक्षण अधिकारी की पदस्थापना की गई है। सुविधा व सहायता :- योजना के अंतर्गत पीड़ित महिला को आवश्यकतानुसार विधिक सलाह, परामर्श, चिकित्सा, सुविधा, परिवहन तथा आश्रय सुविधा उपलब्ध कराने हेतु प्रावधान रखा गया है। सम्पर्क :- जिला कार्यक्रम अधिकारी/जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी/ परियोजना अधिकारी/संरक्षण अधिकारी/सखी के केन्द्र प्रशासक।
8.सखी (वन स्टॉप सेन्टर) उद्देश्यः- पीड़ित व संकटग्रस्त, जरूरतमंद महिला को एक ही छत के नीचे उनकी आवश्यकतानुसार चिकित्सा, विधिक सहायता, मनोवैज्ञानिक सलाह, पुलिस सहायता, अस्थायी आश्रय, मानसिक चिकित्सा, परामर्श सुविधा/सहायता तत्काल उपलब्ध कराना । वन स्टाप सेन्टर किनके लिये:- संकटग्रस्त/पीड़ि़त में वे सभी महिलाएं (18 वर्ष से कम उम्र की बालिकाएं भी सम्मिलित है) जिन्हे सहायता की आवश्यकता है। प्रदेश के 27 जिले में ‘‘सखी’’ वन स्टाप सेंटर संचालित है। सुविधा व सहायता :-
सम्पर्क :- जिले के जिला कार्यक्रम अधिकारी/जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी/ परियोजना अधिकारी/पर्यवेक्षक/केन्द्र प्रशासन/आंगनबाड़ी कार्यकर्ता। |