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‘‘सुघ्घर लईका चिन्हारी शिविर‘‘

प्रकाशित तिथि : 12/09/2019

जिले को कुपोषण से मुक्त करने हेतु कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन के निर्देशानुसार संयुक्त कार्याशाला का आयोजन जिला पंचायत सभागार में दिनांक 06.02.19 को किया गया, जिसमें स्वास्थ्य विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला स्तरीय/विकास खण्ड स्तरीय अधिकारी, कर्मचारी सम्मिलित हुए। कार्यशाला के दौरान चर्चा में यह पाया गया कि, दुरस्थ स्थानों /पहुंच विहीन क्षेत्रों से कुपोषित बच्चें स्वास्थ्य केन्द्रों तक नहीं आ पा रहे है। अतः कलेक्टर महोदय द्वारा शिविर आयोजन करने के निर्देश उक्त दोनों विभागों को दिया गया। जिसमें प्रथम चरण में 34 केन्द्रों (ग्रामों) का चयन कर स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किये जाने के निर्देश दिये गये। चयनित केन्द्र के आस-पास के 04-05 ग्रामों के कुपोषित बच्चों को शिविर स्थल पर लाने हेतु निर्देशित किया गया। इस कार्यक्रम को ‘‘सुघ्घर लईका चिन्हारी शिविर‘‘ का नाम दिया गया।

जिले में गंभीर कुपोषित पाये गये बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण एवं अति गंभीर कुपोषित बच्चों के चिन्हांकन एवं पोषण पुनर्वास केन्द्र केे माध्यम से लाभांन्वित किये जाने हेतु चयनित ग्रामों में दिनाॅक 21.02.2019 से 05.04.2019 तक स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया गया है।

कुपोषित बच्चों की प्राथमिक जाँच एवं पहचान
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा वजन त्योहार के समय, जिले के जिन बच्चों का वजन लिया गया है, उनमें से जो बच्चे गंभीर कुपोषित पाये गये बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण एवं अति गंभीर कुपोषित बच्चों के चिन्हांकन एवं पोषण पुनर्वास केन्द्र से लाभांन्वित किये जाने हेतु चयनित ग्रामों में स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया गया है।

प्रथम चरण ‘‘ सुघ्घर लईका चिन्हारी शिविर ‘‘ के परिणाम
जिले में दिनाॅक 21.02.2019 से 05.04.2019 तक स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया गया। जिसमें 34 ग्रामों में स्वास्थ्य शिविर लगाये गये। उक्त शिविर में कुल 1262 बच्चे उपस्थित हुए जिनमें से 466 बच्चे गम्भीर रूप से कुपोषित पाये गये एवं 640 बच्चे मध्यम कुपोषित पाये गये। उक्त शिविर में कुल 831 बच्चों को औषधी प्रदाय किया गया और 234 बच्चों को छत्ब् के लिए रिफर किया गया, शेष बच्चों को फाॅलोअप में रखा गया है। जिससे जिले के दोनो छत्ब् का बेड आक्युपेसी रेट शतप्रतिशत रहता है।